देश के विभिन्न राज्यों में 29 वां दीक्षा समारोह मनाया गया
प्रथम गुरु परम पूज्य वात्सल्य दिवाकर आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज
जशपुरनगर। आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज जी का 29 वां दीक्षा समारोह गुरुवार को अलग- अलग राज्यों में मनाया गया । इसी क्रम में जशपुर जैन समाज ने उनके कृतित्व को याद किया । मुनि श्री के प्रवचन समाज में जागृति लाता हैं। उनके प्रवचन सुनकर कईयों की जिंदगी बदली।देश के अलग-अलग राज्यों में उनके नाम से चिकित्सालय चल रहें है । जहां दिव्यांगों का निःशुल्क ईलाज होता हैं । साथ ही सामाजिक कार्य भी हो रहें है। उनके प्रथम गुरु परम पूज्य वात्सल्य दिवाकर आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज थे। उन्होंने 21 सितम्बर 1994 को इटावा उत्तर प्रदेश में परम पूज्य वात्सल्य दिवाकर आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज , आचार्य पदारोहण: गणाचार्य पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता पुष्पदंत सागर महाराज द्वारा संकलन महावीर कुमार गोयल से दीक्षा ग्रहण किया था। उनके दीक्षा देने के उपरांत उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। उनकी लिखी किताबें समाज के लिए प्रेरणा दायक हैं। उनका जन्म जशपुर जिले के जैन मंदिर से निकट आवास में 22 अक्टूबर 1970 को श्रीपाल जैन के यहां हुआ था। बचपन में उनका नाम सुरेंद्र जैन था। उनकी माता का नाम श्रीमती चंद्रप्रभा जैन पाटनी था। आचार्य श्री सौरभ सागर जी महाराज ने सबसे पहले क्षुल्लक दीक्षा 17 जनवरी1986 को छ्तरपुर म.प्र में परम पूज्य वात्सल्य दिवाकर आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज से दीक्षा लिया। दूसरी बार ऐलक दीक्षा 27 जून 1988 को अंदेश्वर पारसनाथ परम पूज्य वात्सल्य दिवाकर आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी महाराज से लिया।