by।शिवचरण सिन्हा

दुर्गुकोंडल 28 अगस्त 2022 शासन की योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने का काम अधिकारी-कर्मचारी करते हैं लेकिन अब गांव से लेकर शहर तक प्रशासन हड़ताल पर है, जिससे काम-काज ठप है। दफ्तर सूने पड़े हुए हैं और अधिकारियों की कुर्सी खाली है। गांव में सचिव, पटवारी, शिक्षक, नहीं जा रहा है और पटवारी हड़ताल पर है ऐसे में ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र का विकास कार्य रुक गया और लोग परेशान हो रहे हैं।
वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी हड़ताल पर है।
स्थित तहसील के अधिकारी कर्मचारी हड़ताल कर रहे फेडरेशन केअधिकारी-कर्मचारी संगठन।
कार्यालय सूने पड़े हुए थे। हड़ताल पर होने के कारण कार्यालय का गेट तक नहीं खुला था, दफ्तर बहुत सारे प्रशासनिक काम बंद पड़े हुए है। में ईक्का-दुक्का कर्मचारी दिखाई दे रहे थे। अधिकांश दफतरों में इसके अलावा हड़ताल की सूचना मिलने के सन्नाटा पसरा था। सिर्फ पुलिस विभाग को कारण काम-काज से आने वाले लोग नहीं थे छोड़ कर कुछ ही कर्मचारी दिखाई दे रहे लेकिन तहसीलदार से लेकर कर्मचारी तक थे। विकास खंड दुर्गुकोंडल के सभी कर्मचारी फेडरेशन के अंतर्गत अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर है और सारा सरकारी काम संगठन धरना दे रहे है। करीब 94 संगठनों के ठप पड़ा है। यही हाल
हड़ताल पर है और संविदा ग्रामीण इलाकों में काम ठप: जिला कर्मचारी काम जरूर कर रहे है लेकिन मुख्यालय के अलावा हड़ताल कर असर
ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहा है। गांवों में शासन की योजनाओं को पहुंचाने का काम कर रहे सचिव हड़ताल पर है। जिसके कारण गांव वालों के कई काम नहीं हो रहे हैं। इसके अलावा पटवारी भी गांव नहीं जा पा रहा है। वन विभाग का भी काम बंद है क्योंकि वहां भी हड़ताल से काम-काज प्रभावित हो रहा है। आलम यह है कि इस हड़ताल से गांव व शहरी
क्षेत्र प्रभावित है। विकास खंड दुर्गुकोंडल के अंतर्गत अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के ब्लॉक संयोजक बाबूलाल कोमरे महासचिव वैजनाथ नरेटी ने बताया है कि हड़ताल का आज सातवां दिन था जिसमें बड़ी संख्या में अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के सदस्य उपस्थित थे वहीं महिलाओं का कल से तीजा पर्व होने पर भी महिलाएं हड़ताल में आने की बात कही गई है उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर हड़ताल के प्रति अडिग हैं।

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