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जशपुर। प्रदेश भर में पंचायत सचिवों के हड़ताल के एक हप्ते से अधिक बीत गये अभी तक सरकार की तरफ से कोई सुनवाई नही हुई है। दुलदुला सचिव संघ ने मांग को लेकर जोर लगा दिया है सुबह दस बजे से लेकर शाम चार बजे तक धरना में बैठ रहें है। सचिवों ने 16 मार्च से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू किया है जिसके सात दिन पूरे हो गये है। जिसका कोई असर अब तक देखने को नही मिला है। जो धीरे-धीरे व्यापक रूप लेते दिख रहा है । प्रदेश भर के सचिव लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ मांग पूरी करो कह रहे। कोरोना महामारी आने से पूर्व सचिवों ने एक सूत्रीय मांग को लेकर बड़े तौर पर हड़ताल किया था उस दौरान सरकार ने आश्वासन देकर उन्हें शांत कर दिया था। 2023-24 के बजट में दो वर्ष की परीक्षा अवधि समाप्ति के बाद शासकीयकरण की मांग पर कोई पहल नही करने पर प्रदेश भर के सचिव काफी नाराज हैं। उन्होंने मांग को लेकर सरकार को घेरे में लिया है । अब फिर से काम बंद कलम बंद की तर्ज में हड़ताल जारी है। दुलदुला सचिव संघ अध्यक्ष शिवशंकर यादव, स्मेल भगत, उर्मिला प्रधान, महावीर प्रसाद राज, बालकेश्वर सिंह, रामदेव नायक, देवकी यादव, रोजलिना, विनोद कुमार, नरेन्द्र राम, रमेश कुमार सिंह ने कहा कि सचिव संघ की एकसूत्रीय मांग दो वर्ष की परीक्षा अवधि समाप्ति के बाद शासकीयकरण किया जाय। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा जब तक मांग पूरी नही होगी तब तक हड़ताल में डटे रहेंगे। हड़ताल से पंचायतों के काम प्रभावित हो रहे हैं गोबर की खरीदी बंद कर दी गई है। ग्रामीणों को छोटे से छोटे काम कराने के लिए सचिव के दस्तखत की आवश्यकता होती हैं। हड़ताल की वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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