by।शिवचरण सिन्हा

दुर्गुकोंडल 26 अगस्त ।अंचल में 27 अगस्त को पशुधन एवं पोला त्यौहार क्षेत्र में मनाया जाएगा जिसकी तैयारी अंचल के किसान ग्रामीण लगे हुए हैं ।वहीं आज दुर्गुकोंडल के सप्ताहिक बाजार में नदिया बैला पोला सामग्री खरीदारी करने ग्रामीण अंचल के लोग पहुंचे और जमकर खरीदी की गई ।खेती किसानी में सहयोग करने वाले पशुधन बड़ों को सम्मान देने के लिए 27 अगस्त को अंचल में पोला पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन किसान खेतों में काम नहीं करेगी बैलों को स्नान करवाकर उन का श्रृंगार करेंगे ।छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भगवान को भोग लगाकर बैलों को खिलाएंगे, बच्चों के मन में बैलों की प्रति सम्मान की भावना जागृत हो इसके लिए जिनके घर में बैल नहीं है वह मिट्टी के पैरों के पूजा करेंगे, बच्चों को टोली मिट्टी के बैल चलाते हुए घर घर जाएंगे ।बच्चे इस त्यौहार को लेकर काफी उत्साह है। पोला त्यौहार पर खेती किसानी का काम समाप्त होने के बाद इसी दिन अन माता गर्भ धारण करती है अनी कि पौधों में इसी दिन दूध भरता है इसीलिए यह त्यौहार मनाया जाता है ।पोला त्यौहार पुरुषों स्त्रियों एवं बच्चों के लिए अलग-अलग महत्व रखता है पोला के दिन पुरुष पशुधन बैलो को सजा कर उनकी पूजा करते हैं इस तरह महिला अपने मायके जाती हैं छोटे बच्चे मिट्टी के बैलों की पूजा करते हैं। इस अवसर पर जहां घरों में बैलों की पूजा होती है वही लोग पकवानों का लुफ्त उठाते हैं इसके अलावा किसानों के लिए यह त्यौहार काफी महत्वपूर्ण है पशु धन पूजा के नाम से जानते हैं साथ ही आज दुर्गुकोंडल के सप्ताहिक बाजार में पोला के त्यौहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह था ।सप्ताहिक बाजार में ₹100 से ₹150 की बैल जोड़ी बिक्री हुई इसके अलावा बाजार में लकड़ी तथा मिट्टी के बैल जोड़ियों में बिकते दिखाई देने लगी। बढ़ती महंगाई के कारण यहां नदिया बैल का 100 से ₹150 तक की जोड़ी में बेजे गए इसके अलावा मिट्टी के अन्य खिलौने बाजारों में बिकते देखा गया जिसमें लड़कियों के खिलौने सामग्री पोला जाता चुकी चम्मच एवं अन्य सामग्री बेचते देखा गया।इस तरह से यह त्यौहार पशुधन के रूप में मनाया जाता है । इसकी तैयारी क्षेत्र के किसान ग्रामीण किए हैं।