रौतिया समाज ने शहीद वीर नारायण सिंह ,बख्तर साय को परिवार सम्मेलन सह सामाजिक संगोष्ठी में किया याद… नमन

शाहिद वीर नारायण सिंह , बख्तर साय अमर रहे…

जशपुर। अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद छत्तीसगढ़ के नगर मंडल के तत्वाधान में शहीद वीर नारायण सिंह ,बख्तर साय स्मृति भवन जशपुर में शुक्रवार को वीर बगीचा में परिवार सम्मेलन सह सामाजिक संगोष्ठी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में शाहिद वीर नारायण सिंह एवं बख्तर साय को याद करते हुए उनके छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित कर उन्हें नमन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रांतीय अध्यक्ष ओ.पी साय ,विद्याचरण सिंह ,गोपाल सिंह थे। इनका स्वागत नेहा ,रूपा, रेखा,नंदनी ने सामूहिक गीत से किया। इस मौके पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे गए। महिलाओं के लिए मटका फोड़ ,कुर्सी दौड़ एवं बच्चों के जलेबी कूद ,नृत्य कराया गया। उन्हें विभिन्न विषयों में अपने विचार रखने का अवसर दिया गया । उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों के लिए पुरुस्कार की घोषणा की गई। इस कार्यक्रम के आयोजन में संगठन प्रभारी बलराम राम ,बालकृष्ण सिंह,अरुण सिंह,सुरजन सिंह,शंकर सिंह,राजकिशोर खड़ग, विजय विहारी,स्मिता नायक,रूपा सिंह,ऋचा सिंह का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन चंद्र मोहन सिंह प्रांतीय उपसचिव द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता टी.एन सिंह नगर मंडल अध्यक्ष द्वारा की गई। चंद्र मोहन सिंह ने बताया संगोष्ठी में प्रांतीय कमेटी द्वारा अनुसूचित जनजाति सूची में रौतिया जाति को शामिल कराये जाने की दिशा में प्रयास जा रहा है उस पर विशेष चर्चा हुई और पूरे समाज से इस कार्य में बढ़चढ़कर योगदान देने समाज को आव्हान किया गया है। इस कार्यक्रम में श्रीमती ममता सिंह, शांति सिंह, झालोमती सिंह,ललिता सिंह ,जयमुनी सिंह ,किरणकान्ति सिंह, प्रतीक सिंह ,अजीत सिंह मटरू सिंह ,संदीप सिंह समेत रौतिया समाज के सैकड़ो लोग मौजूद रहें।

रौतिया समाज की तादात लाखों , जल्द अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल होगा

विद्याचरण सिंह ने रौतिया समाज को संबोधित करते हुए कहा रौतिया समाज अनुसूचित जनजाति की सूची से वंचित है, समाज की जानकारी केंद्र सरकार को भेजा गया है। शासन को इस ओर ध्यान आकर्षित कराया जा रहा है। वही प्रदेश कार्यकारिणी भी विगत दिनों इस संबंध में राज्यपाल से मिले है। जनजाति सूची में शामिल करने के लिए समाज लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। प्रदेश में रौतिया समाज की संख्या पांच लाख है। समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने के लिए रौतिया समाज विकास परिषद प्रयासरत है ,हम सभी जल्द जनजाति समाज में शामिल होंगे।

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