by।शिवचरण सिन्हा
दुर्गुकोंडल । हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि याने की 30 अगस्त मंगलवार को पंचांग गणना के अनुसार भाद्रपद तिथि की शुरुआत 29 अगस्त को दोपहर 3:20 से हो गई।हरतालिका तीज व्रत प्रदेश भर में महिलाएं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। हरतालिका तीज व्रत हिंदू धर्म में मनाए जाने वाला एक प्रमुख व्रत है भाद पक्ष की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है दरअसल भाद्र पक्ष की को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती को पूजन का विशेष महत्व है ।सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज बहुत ही खास होता है क्योंकि इसमें महिलाएं दिनभर व्रत रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजन अर्चना करती हैं और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं ।
शिव और मां पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर की जाती है पूजा
पंडित हेमंन प्रसाद मिश्रा ने बताया हरतालिका तीज तिथि और पूजा का मुहूर्त 30 अगस्त को दोपहर 3:33 पर होगा ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत महिलाएं 30 अगस्त आज कर सकती है ।हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त निकले सुबह 5:00 बज कर 58 मिनट से लेकर 8:31 तक का समय बहुत ही शुभ फल देने वाला होगा। हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए हरतालिका तीज का विशेष महत्व होता है। हरतालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लेते हैं वह विधि विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने की तैयारी करती है। इस दिन पूजन के लिए विशेष रूप से भगवान शिव और मां पार्वती की मिट्टी की मूर्तियां बनाई जाती है फिर इसके बाद शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आरंभ करती है। पूजा में भगवान शिव का जलाभिषेक बेलपत्र गंगाजल दूध और दही से स्नान कराया जाता है साथ ही माता पार्वती को श्रृंगार की पूजा सामग्री को अर्पित करती है अंत में धूप दीप करते हुए व्रत कथा का पाठ और आरती की जाती है सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती के सामने शीश झुका कर अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती है ।इस तरह से तीजा का पर्व प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनेगा।