SSP शशि मोहन सिंह से प्रेरित होकर अपराध छोड़ शंख  में खोला ढाबा“

चाय पीकर बने पहले कस्टमर ,पैसा देकर किया बोहनी



जशपुर। कहते हैं घृणा अपराध से अपराधी से नहीं इसका सीधा उदाहरण जशपुर में देखने को मिला। जब अमजद उर्फ बबलू के जेल से छूटा। इसके बाद एसएसपी शशि मोहन सिंह ने उसे कार्यालय में बुलाया और समझाया अपराध करने के बाद पुुलिस से कब तक भागते रहोगे? अपराध का कोई भविष्य नहीं होता। इससे केवल जेल, भय और असुरक्षा मिलती है। तुम्हारी आने वाली पीढ़ियाँ भी अंधकार में चली जाएँगी। यदि तुम सही रास्ता चुनो तो सम्मानजनक जीवन तुम्हारा इंतजार कर रहा है।“ इन बातों ने अमजद पर गहरा मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव डाला। शंख मोड़   उसने पहली बार महसूस किया कि अपराध से जुड़े रहने पर न तो स्थायी कमाई संभव है और न ही परिवार का भविष्य सुरक्षित। उसने स्वयं आगे आकर अपराधमुक्त जीवन जीने का वचन लिया और समाज की मुख्यधारा में लौटने का निश्चय किया।
समाज में नई शुरुआत और सम्मानजनक आजीविका के लिए अमजद ने छत्तीसगढ़- झारखंड की सीमा पर अपना नया ढाबा *“बबलू शंख ढाबा”* शुरू किया। यह क्षेत्र मुख्य मार्ग पर स्थित होने के कारण यात्रियों की आवाजाही अधिक रहती है, जिससे उसे स्थायी आय का भरोसा मिला। ढाबा के उद्घाटन के लिए अमजद ने एसएसपी शशि मोहन सिंह को आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया।

फीता काटकर किया उद्घाटन

04 दिसंबर 2025 को एसएसपी पहुंचे। उनके आगमन पर ग्रामीणों समेत ढाबा संचालक ने गाजे बाजे के साथ जोरदार स्वागत किया। सिंह के साथ ग्रामीण चल रहें थे ऐसा लग रहा था मानो किसी फिल्म की शूटिंग हो रही है। यह नजारा देखने लायक था। ऐसा जशपुर में पहली बार हुआ। मौजूद लोगों ने एस एस पी की सरहाना की। इस दौरान उन्होंने विधिवत रूप से ढाबा का उद्घाटन किया, ढाबा के एसएसपी पहले ग्राहक बने, उन्होंने अमजद के ढाबा में चाय पीकर बोहनी कराई। उसकी कीमत अदा की, साथ ही सफल ढाबा संचालन की बधाई दी। इस दौरान आसपास के ग्रामीण, व्यापारी, पुलिस अधिकारी तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी ने अमजद के सकारात्मक निर्णय का स्वागत किया और उसे उसके नए जीवन की शुभकामनाएँ दीं।

अपराध छोड़ने का संदेश

उद्घाटन के दौरान एसएसपी ने उपस्थित ग्रामीणों एवं युवाओं को संबोधित करते हुए कहा “अपराध कोई विकल्प नहीं है। एक अपराधी अपने परिवार, समाज और स्वयं को नुकसान पहुंचाता है। यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी से अपराध छोड़कर मुख्यधारा में वापस आना चाहता है तो जशपुर पुलिस उसका हर संभव सहयोग करेगी। यह कम्युनिटी पुलिसिंग का उत्कृष्ठ उदाहरण है। एसएसपी ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुये कहा कि पुलिस और समाज मिलकर ऐसे युवाओं को सही दिशा दे सकते हैं, जो किसी कारणवश गलत रास्ते पर चले जाते हैं।
                                


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