दशहरा पर्व विशेष चिंतन : जागे राम तो भागे रावण

दशहरा के दिन रावण का पुतला जलाने के लिए विशालकाय पुतला बनाने की तैयारी में कई दिनों से जुटा था। हाड़तोड़ मेहनत के कारण थक कर चूर चूर हो गया था।इसलिए रात में बिस्तर पर जाते ही घोड़ा बेचकर सो गया था। तभी बाहर से आते ज़िंदाबाद -मुर्दाबाद के नारों से मेरी नींद टूट गई। चुनावी दौर में कौन नासमझ इतनी रात को जूलूस लेकर निकला है? सोचते,आंखे मलते घर के बाहर देखा।तब यह देखकर दंग रह गया कि अलग-अलग राजनैतिक पार्टी के रावण एकत्रित होकर अपनी-अपनी बातें बढ़ा चढ़ा कर बता रहे हैं।वे जनता- मतदाता को रिझाने एक से बढ़कर एक लुभावने घोषणा भी कर रहे हैं।जैसे दीवाली के समय बाजार में दुकानदार बड़े बड़े आफर देते हैं। इस अकल्पनीय दृष्य को देखकर मेरी नींद पूरी तरह से उड़ गई। मैं कान लगाकर उनकी बात ध्यान से सुनने लगा।
मैंने देखा फूल गोभी छाप पार्टी का रावन फूलगोभी छाप पर मुहर लगाने की अपील करते हुए बोल रह था- हमारा प्रदेश किसानों का प्रदेश है।हरेक किसान को अपनी मेहनत के बल पर जीने का हक है।हमने देखा है कि सूखे -अकाल की स्थिति में किसान परिवार भूखा प्यासा मर जाता है। इसका निदान करने हम शिविर लगाकर किसान परिवारों को महीनों भूखा-प्यासा रहने का निःशुल्क प्रशिक्षण देंगे। हमारी पूरी कोशिश होगी कि हर वर्ष सूखा अकाल पड़े ताकि हमारे किसान भूखा रहकर भी जिंदा रहने अभ्यस्त हो सकें।
फूलगोभी छाप पार्टी के रावण की बात समाप्त होते ही सांड छाप पार्टी का रावण उठ खड़ा हुआ। वह बोला- जन्म से मृत्यु तक आदमी गोरस -गोबर पर ही आश्रित रहता है। अतः हमारी पार्टी जीतेगी तो हमारी कोशिश होगी कि स्वच्छ स्थल,शुद्ध वायु में पली बढ़ी गाय का गौमुत्र सभी भाई -बहिनों को निःशुल्क मिल सके।
इस हेतु गांव -शहर में समस्त गोवशों को सपरिवार अर्थात गाय, भैंस,सांड ,बछड़ा, बछिया को सड़कों पर बेरोकटोक घुमने,आराम से बैठने की आजादी हमारी पार्टी देगी। इससे कोई भी जरूरतमंद अपनी सुविधानुसार जब चाहेगा गौमुत्र निःशुल्क प्राप्त कर लेगा।
आप सभी इस बात से भी सहमत होंगे कि सड़कों पर घूमते गाय -भैंस एक प्रकार से स्पीड ब्रेकर का काम भी करते हैं,अतः स्पीड ब्रेकर बनाकर,गौठान बनाकर धनराशि को बर्बाद करने के बजाय हमारी पार्टी उस धनराशि से दाना भूसा खरीद कर सड़क पर बैठे गोवंश के बीच वितरित करेगी।
तभी बोतल छाप पार्टी का रावण लड़खड़ाते हुए आया।उसकी लाल आंखें बयां कर रही थीं कि उस पर अंग्रेजी सवार है।आगे आकर वह बोला- माई डीयर फ्रेंड्स,आई नो वेरी वेल हमारा प्यारा प्रदेश अलग-अलग नशाखोरी में आकंठ डूब गया है।आए दिन बड़ी संख्या में प्यारे नशेड़ी भाई मौत के मुंह में जा रहे हैं।
ऐसी स्थिति में हमारी माताएं- बहनें विधवा होकर नर्क की जिंदगी जीने को विवश हैं।भाईयों और बहनों अगर हमारी पार्टी की सरकार बनती है तो हम ऐसी माता बहिनों का विशेष ध्यान रखेगें।उनकी जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए घर घर में सर्वसुविधायुक्त विधवा आश्रम खुलवा देंगे।
तभी चिमटा-घंटी धारी स्वेत – भगवा- हरा वस्त्रों से सुसज्जित रावण सामने आया।वह सर्वधर्म समभाव की लच्छेदार बातें करते हुए बोला- हमारी पार्टी जीतेगी तो जाति धर्म देखे बिना ही एक के साथ एक फ्री की नीति को अपनाएंगे। अर्थात एक मृत्यु संस्कार के साथ एक मृत्यु संस्कार मुफ्त करेगें।हर किस्म के पूजा पाठ की दक्षिणा में पचास प्रतिशत की कटौती करेंगें।शनि को शांत करके कुबेर को घर घर पहुंचाएंगे।
उनकी बकवास सुनते सुनते मेरी आत्मा मुझे धिक्कारने लगी।वह बोली-असली रावण को तो राजा राम ने मारा था।तुम रामवंशी,रामभक्त हो और कब तक ऐसे रावणों से छलाते रहोगे। “कुत्ते की आंख इक्कीस दिन में खुलती है,पर आदमी आंख खुलने में इक्कीस वर्ष लग जाते हैं” यह बात सुनी तो थी पर आज उसे प्रत्यक्ष देख भी रही हूं आखिर कब खुलेगी तुम्हारी आंख …उठो… जागो… और ऐसे बहुरूपिए रावणों का वंश नाश करो। इन्हें मारने तुम्हें ही राम बनना होगा।
अपनी आत्मा की ऐसी ललकार से मेरे भीतर का राम,मेरे भीतर का गांधी जाग उठा। मैं रौद्र रूप लिए,दहाड़ते हुए बहुरूपिए रावणों की ओर दौड़ा।मेरे भीतर बसे राम -गांधी की शक्ति को बाहर आते देखकर वे दुम दबाकर भाग निकले। तभी मेरी नींद टूट गई। मुझे लगा सचमुच मैं जाग गया हूं।मेरी आंखें खुल गईं हैं। मैं दोनों हाथ उठाकर गरज उठा जयश्री राम।
विजय मिश्रा‘अमित’ एम-8 सेक्टर-02, अग्रोहा सोसायटी रायपुर(छ.ग.)
मो- 98931 23310

———————————————–

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top