नया विधानसभा भवन का नाम मिनीमाता के नाम पर यथावत रखने की मांग
BY.चैन सिंह गहने
रायपुर । नवीन विधानसभा भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में मिनीमाता का नाम उल्लेखित नहीं किए जाने पर प्रदेशभर में सतनामी समाज के लोगों में भारी नाराज़गी व्याप्त है। इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को रायपुर में समाज के लोगों ने लगभग सात किलोमीटर लंबी रैली निकाली, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाएं–पुरुष शामिल हुए। रैली के बाद प्रतिनिधि मंडल ने रायपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि नए विधानसभा भवन का नाम मिनीमाता के नाम पर ही यथावत रखा जाए, क्योंकि पूर्व में विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव में यह नाम स्वीकृत किया गया था।
बीते 1 नवंबर 2025 को हुआ लोकापर्ण
बीते 1 नवंबर 2025 को नए रायपुर (अटल नगर) स्थित नवीन विधानसभा भवन का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों संपन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान जारी शिलापट्ट व औपचारिक घोषणाओं में मिनीमाता का नाम उल्लेखित नहीं था, जिससे समाज में आक्रोश और बढ़ गया। समाज का कहना है कि नाम हटाया जाना न केवल विधानसभा के प्रस्ताव का अनादर है, बल्कि प्रदेश के इतिहास और समाज की भावनाओं की उपेक्षा भी है।
छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मिनीमाता
मिनीमाता छत्तीसगढ़ के सामाजिक उत्थान और महिला सशक्तिकरण की अग्रणी आवाज रही हैं।
अविभाजित मध्यप्रदेश से संसद पहुंचने वाली प्रथम महिला सांसद के रूप में उन्होंने लगभग दो दशक तक संसद में दलित, वंचित और पिछड़े समुदायों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की।
उनकी जनसेवा, सरलता और निडर नेतृत्व आज भी उन्हें सभी वर्गों में सम्मान दिलाता है।
समाज के लोगों का कहना है कि जिस महिला नेता ने छत्तीसगढ़ की पहचान और सामाजिक चेतना को मजबूत आधार दिया, उनके नाम को विधानसभा भवन से हटाना “ऐतिहासिक अन्याय” जैसा है।

