ऊपरी दीवालों कि पेंट छोड़ रहें वहीं लोहे जंग लगकर खराब होने कि स्थिति में
सफाई,रंगाई पुताई व मेंटनेस कि अत्यंत जरूरत
जशपुर नगर. करोड़ों कि लागत से बना रणजीता स्टेडियम की रख रखाव पर कोई ध्यान दिया नहीं जा रहा हैं.हालांकि अब स्टेडियम निर्माण के दस साल से अधिक हो गए ,प्रशासनिक उदासीनता के कारण स्टेडियम कि सुंदरता पर ग्रहण लग गया हैं. वहीं मैदान के सामने स्टेडियम में लगे लोहे के एंगल जंग लगकर निकल रहें हैं जिसकी मरम्मत नही कराया जा रहा हैं. जबसे स्टेडिम का निर्माण हुआ उसके बाद से स्टेडियम कि दीवारों व लोहे के एंगल पर शायद ही एकाद, दो बार रंग -रोगन हुआ होगा हैं जिसके ऊपरी दीवालों पर से पेंट छोड़ रहें वहीं जंग लगकर लोहे ख़राब होने कि स्थिति में हैं. ऐसे में स्टेडियम कों सवारने के लिए रंगाई पुताई व मेंटनेस कि अत्यंत जरूरत हैं.जिससे की स्टेडियम की सुन्दरता बनी रहें. विदित हो कि रणजीता स्टेडियम जिले का एकमात्र बड़ा खेल मैदान हैं जहां खेलों से लेकर अन्य बड़े आयोजन होते हैं.जिसमें जिले के आलावा प्रदेश भर के लोग आते हैं. जहां अन्तर्राजीय टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जा जाता हैं.जहां बाहर -बाहर से खिलाड़ीयों खेलने के लिए आते हैं. ऐसे में स्टेडियम कों लेकर जिले की प्रतिष्ठाता पर सवाल उठ रहें हैं.स्टेडियम बने काफी समय हो गए पर कभी कभार ही स्टेडियम कि सीट्स कि सफाई हुई होंगी.साफ-सफाई नहीं होने कि वजह से मैदान कि सीट्स बदसूरत नजर आ रहा हैं.जबकि स्टेडियम साफ -सफाई से परिपूर्ण होना चाहिए.मैदान काफी बड़े एरिया में खुला हैं जहां खेलने ही नहीं बल्कि लोगों कों घुमने फिरने कि किसी तरह की रोक टोक नहीं हैं. यहां लोग सुबह और शाम टहलने, व्याम व दौड़ धुप के लिए लोग मैदान में आते हैं.
गुटका खाकर स्टेडियम की सीट्स पर थुक कर दिए लाल
शासन ने करोड़ों रु के खेल मैदान की सौगात जशपुर वासियों कों दी हैं जिसकी हिफाजत करना प्रशासन के अतिरिक्त आमजनों के हाथ में हैं. सरकारी सम्पति देश कि सम्पति हैं जिसको नुकसान पहुंचना और उक्त स्थान में गंदगी फैलाने पर आर्थिक दंड या कानूनी कार्यवाही भी हो सकती हैं.स्टेडियम के सीट्स सीमेंट से बनाएं गए हैं जिस पर गुटका प्रेमी गुटका खाकर सीट्स, दीवारों पर ही धुक कर लाल कर रहें. वहीं गुटके रेपर कों भी स्टेडियम में फेककर गंदगी फैला रहें हैं जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रहीं. लोगों का कहना हैं सफाई कर्मी द्वारा रोज स्टेडियम की बैठक पर झांडु लगाकर साफ -सफाई और लोगों कों गंदगी फैलाने से मना करना चाहिए.वहीं प्रशासन कों स्वच्छता के लिए स्टेडियम में या बाहर जागरूकता के लिए बोर्ड लगानी चाहिए .
हाईलोजन लाइट्स सो पीस
स्टेडियम के चारों तरफ रात्रि में खेल व विशेष आयोजन के लिए तेज प्रकाश के लिए हाईलोजन लाईट लगाया गया हैं जिसे विशेष मौके पर चालु किया जाता हैं. लोगों का कहना हैं हाईलोजन लाइट्स शो पीस हैं शासन ने लाखों रु का हाईमास्क लाइट्स लगाया हैं जिसे खास तौर पर क्रिकेट के बड़े या अन्य विशेष आयोजन में ही चालु किया जाता हैं.ज्ञात हो कि जिले में खेल के क्षेत्र में काफी प्रतिभाशाली खिलाडी हैं जों काफी मेहनत कर रहें हैं अगर रात में हाईलोजन लाइट्स चालु की जाय तों रात्रि में भी खिलाड़ियों कों अभ्यास का मौका मिलेगा . इसी मैदान में कई खिलाड़ीयों ने अभ्यास कर राष्ट्रीय स्तर पर खेल खेलकर जिले का नाम रोशन किया हैं. स्टेडियम में रात्रिकालीन हाईलोजन लाइट्स जलाना चाहिए ताकि रात्रि में खिलाड़ीयों कों खेल अभ्यास का मौका मिले .

