रायपुर। कहते हैं जब आस्था सच्ची हो तो भगवान स्वयं भक्तों के जीवन में उतर आते हैं। राजधानी रायपुर के अग्रोहा कॉलोनी में स्थित सिद्ध श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर इसी आस्था का जीवंत प्रतीक है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस पावन धाम में भगवान श्री लक्ष्मी नारायण स्वयं विराजमान हैं और उनके दर्शन मात्र से मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं।
इस दिव्य मंदिर का नव निर्माण वर्ष 2015-16 में नगर निगम खेल एवं युवा कल्याण विभाग के पूर्व अध्यक्ष और महंत लक्ष्मी नारायण दास वार्ड के पूर्व पार्षद जितेंद्र अग्रवाल, चेतन रहेंगडाले और अशोक शर्मा के सहयोग से हुआ। स्थापना के समय से ही इस मंदिर ने भक्तों के दिलों में अपनी विशेष पहचान बना ली। आज यहाँ रोज़ाना सैकड़ों श्रद्धालु अपनी प्रार्थना लेकर पहुँचते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।
मंदिर के संरक्षक जितेंद्र अग्रवाल बताते हैं कि भक्त जब अपनी मनोकामना पूरी होते देखते हैं तो पुनः इस मंदिर में लौटकर भगवान श्री लक्ष्मी नारायण को धन्यवाद अर्पित करते हैं। यही कारण है कि यहाँ प्रतिदिन भक्तों की भीड़ निरंतर बढ़ रही है और मंदिर परिसर हर समय भक्ति रस से सराबोर रहता है।
इस पवित्र स्थल पर केवल श्री लक्ष्मी नारायण ही नहीं, बल्कि भगवान शिव शंकर, श्री हनुमान जी और गरुड़ भगवान की प्रतिमाएँ भी विराजमान हैं। इस कारण यह धाम एक साथ कई देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का केंद्र बन चुका है।
त्योहारों पर इस मंदिर की भव्यता देखने लायक होती है। विशेषकर चैत्र और शारदीय नवरात्रि में यहाँ ज्योति कलश की स्थापना की जाती है, जिसकी आलोकित आभा पूरे वातावरण को दिव्यता से भर देती है। वहीं जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी पर्व धूमधाम और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। इन अवसरों पर अग्रोहा कॉलोनी ही नहीं, बल्कि पूरे रायपुर से भक्तजन उमड़ पड़ते हैं और मंदिर परिसर मेले का रूप ले लेता है।
यह मंदिर केवल पूजा-अर्चना का स्थल ही नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की आत्मा को शांति और मन को संतोष देने वाला एक दिव्य धाम है। यहाँ की घंटियों की गूंज, भक्ति गीतों की स्वर लहरियाँ और दीपों की आभा हर किसी के हृदय को भक्ति भाव से भर देती है।
निश्चित ही, अग्रोहा कॉलोनी का यह मंदिर आज राजधानी का एक ऐसा धार्मिक स्थल बन चुका है, जहाँ हर भक्त विश्वास के साथ आता है और आशा एवं आशीर्वाद से भरा हुआ लौटता है।

