रायपुर। रायपुर प्रेस क्लब का चुनाव हमेशा लोकतांत्रिक परंपरा और पारदर्शिता का प्रतीक रहा है। 23 नवंबर को होने वाला यह चुनाव भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाने का अवसर है।
पता चला है कि कुछ साथियों ने सोशल मीडिया संदेशों के जरिए हम पर आरोपों की झड़ी लगा दी है अब तक हमारे द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर अपनी चिंताएँ व्यक्त की हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। लेकिन कुछ बातें स्पष्ट करना ज़रूरी है।
- प्रेस क्लब का कार्यकाल 17 फरवरी को पूरा हो गया था और चुनाव के लिए रजिस्टार को हस्तक्षेप करना पड़ा है
- किसी सदस्यता रोकने या अधिकार छीनने का आरोप तथ्यात्मक नहीं
प्रेस क्लब के करीब 10 से 20 साल पुराने 125 से अधिक सदस्यों के नाम अचानक काट दिए गए,, इस बारे में कोई कुछ नहीं बोल रहा ,, जबकि नए सदस्यों को जोड़ने के लिए मौजूदा कार्यकारिणी के पास पर्याप्त 1 साल का समय था लेकिन अपने कार्यकाल खत्म होने के बाद उसने सारी प्रक्रियाएं पूरी की जो कि नियम विरुद्ध है
जिसे सदस्यता और प्रक्रिया को लेकर समय-समय पर प्रशासनिक और कानूनी जटिलताएँ की स्थिति बनी ,जिनका समाधान नहीं तलाशा गया।
यह कहना उचित नहीं कि किसी ने जानबूझकर किसी को दूर रखा।
प्रेस क्लब किसी व्यक्ति की नहीं, सामूहिक निर्णयों और प्रक्रियाओं से चलता है।
• समय पर चुनाव के लिए रजिस्टार के पास जाना जाना अपराध नही
1 साल कार्यकाल के लिए शपथ पत्र देने वाला व्यक्ति अगर 2 साल तक पद में बैठा रहे और अपनी नाकामी को छुपाने की कोशिश करें तो उसे रोकने के लिए
सही प्रक्रिया सुनिश्चित करने का हमें अधिकार है कहा भी प्रक्रिया में संदेह हो तो न्यायिक मार्ग अपनाना लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है।
इसे किसी के खिलाफ षड्यंत्र की तरह प्रस्तुत करना सही नहीं।
• हम मेल-मिलाप के पक्षधर हैं, न कि संघर्ष के
पत्रकारिता का मूल स्वभाव संवाद, संतुलन और समाधान है।
हम हमेशा चाहते हैं कि प्रेस क्लब में सभी विचारधाराओं और सभी सदस्यों का स्वागत हो।
मतभेद लोकतंत्र की खूबसूरती हैं लेकिन उन्हें शत्रुता में बदलना क्लब के माहौल के लिए ठीक नहीं।
. प्रेस क्लब राजनीति का मंच नही
इसे राजनीतिक रंग देने से बचें** हमारा मानना है कि प्रेस क्लब पत्रकारों का पेशेवर मंच है।
इसीलिए सार्वजनिक हिस्सेदारी के तहत प्रेस क्लब के आय व्यय (बैलेंस शीट)प्रस्तुत किए जाने की मांग महासचिव के द्वारा किए जाने का हम सभी पक्षधर हैं
इसे किसी भी तरह की राजनीतिक ध्रुवीकरण या व्यक्तिगत हमलों का अखाड़ा बनाना पत्रकारिता की गरिमा के खिलाफ है। जो प्रेस क्लब की परंपरा है और नियम है उसका पालन होना चाहिए
संकल्प
•सदस्यता प्रक्रिया संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार पूरी पारदर्शिता से होगी।
•हर साथी की आवाज़ सुनी जाएगी।
•क्लब की सुविधाओं, गतिविधियों और संस्थागत मजबूती पर हमारा पूरा ध्यान रहेगा।
• न किसी को दूर रखा जाएगा, न किसी पर दबाव होगा।
चुनाव को संघर्ष नहीं—साझा भविष्य का अवसर
इसलिए हम सभी साथियों से विनम्र अपील करते हैं कि
भावनाओं में बहकर नहीं, तथ्यों, संवाद और पारदर्शिता के आधार पर अपना प्रतिनिधि चुनें। हम आपके साथ थे, हैं और रहेंगे क्लब की गरिमा, एकता और पेशेवर मजबूती के साथ।

