नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) में उच्चस्तरीय बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने वरिष्ठ प्रशासक शिरीष चंद्र मुर्मू को नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। वे मौजूदा डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 8 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो रहा है। मुर्मू 9 अक्टूबर से पदभार ग्रहण करेंगे और उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।
अनुभवी प्रशासक
मुर्मू वर्तमान में RBI में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और बैंकिंग सुपरविजन विभाग की जिम्मेदारी देख रहे हैं। इस विभाग का कार्यक्षेत्र बैंकिंग विनियमन, निगरानी और रेगुलेटरी नीतियों से जुड़ा है। लंबे समय से वे आंतरिक प्रबंधन, गवर्नेंस और नीतिगत फैसलों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि उनकी तेज़ निर्णय क्षमता और व्यावहारिक कार्यशैली बैंकिंग क्षेत्र को नई दिशा दे सकती है।
शिक्षा और पृष्ठभूमि
शिरीष चंद्र मुर्मू ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU), नई दिल्ली से एम.एससी. की पढ़ाई की है।
उन्होंने रिज़र्व बैंक के भीतर कई विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं।
नियमों के अनुपालन और विभागों के बीच समन्वय पर उनकी गहरी पकड़ रही है।
डिप्टी गवर्नर की अहमियत
RBI अधिनियम 1934 के मुताबिक, केंद्रीय बैंक में कुल चार डिप्टी गवर्नर होते हैं।
इनमें से दो आरबीआई से ही प्रमोट होकर आते हैं,
एक वाणिज्यिक बैंकिंग पृष्ठभूमि से नियुक्त होता है,
और एक प्रमुख अर्थशास्त्री मौद्रिक नीति विभाग की जिम्मेदारी संभालता है।
मुर्मू अब इस चौकड़ी में शामिल होंगे। फिलहाल अन्य तीन डिप्टी गवर्नर हैं—टी. रबी शंकर, स्वामीनाथन जे. और पूनम गुप्ता।
राजेश्वर राव का कार्यकाल
सितंबर 2020 से डिप्टी गवर्नर रहे एम. राजेश्वर राव का कार्यकाल मूल रूप से तीन वर्ष का था, लेकिन उसे दो बार बढ़ाकर कुल पांच वर्ष कर दिया गया। उनके समय में बैंकिंग सुपरविजन और वित्तीय स्थिरता से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें महंगाई नियंत्रण और डिजिटल बैंकिंग नियमन शामिल रहे।
क्यों अहम है यह नियुक्ति
मुर्मू की नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब बैंकिंग सेक्टर महंगाई, रेपो रेट्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन नियमों जैसी चुनौतियों से गुजर रहा है। सुपरविजन और रेगुलेशन में उनके लंबे अनुभव से उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक इन चुनौतियों का बेहतर समाधान निकाल पाएगा।

