सर्व आदिवासी समाज ने नारा दिया हसदेव बचाओ, बस्तर बचाओ, छत्तीसगढ़ बचाओ

विशाल जन सभा एवं विधान सभा घेराव 26 फरवरी 2024 सोमवार सभा 11 बजे गोंडवाना भवन टिकरापारा, रायपुर उपरांत 2 बजे विधान सभा घेराव के लिए प्रस्थान

रायपुर चलो, वक्त नहीं है सोने का, हक नहीं खोने का एक तीर एक कमान, भारत के आदिवासी एक समान

रायपुर (News27)20.02.2024 । सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ प्रदेश के हमर राज पार्टी के नेतृत्व में विशाल जन सभा एवं विधान सभा घेराव 26 फरवरी 2024 सोमवार सभा 11 बजे गोंडवाना भवन टिकरापारा, रायपुर उपरांत 2 बजे विधान सभा घेराव के लिए प्रस्थान किया जाएगा। उक्त जानकारी एक पत्रकारवार्ता देते हुए समाज प्रमुखों पार्टी के पदाधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से विगत 23 वर्षों में यहां के मूल निवासियों को मिलने वाले अधिकार नहीं मिला बल्कि हमारे जीवन एवं भाग्य के बहुत से हिस्से किसी दूसरे के पास चले गये, जो कटोरा लेकर आये थे, वे मालिक बन गये, जो मालिक थे, वे भिखारी, प्रवासी, बेरोजगार, असहाय, बेघर, बेसहारा बनकर दर-दर भटक रहे हैं। सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के सभी मूलवासी भाइयों एवं बहनों यहा के निवासियों के विकास शिक्षा, स्वास्थ एवं रोजगार, जनकल्याण एवं कृषि के साथ-साथ मानव विकास के लिए लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ बनने के बाद सरगुजा संभाग, बिलासपुर संभाग में कोयला उत्खनन के कारण कई गांव उजाड़े गये, जिसे अब तक बसाया नहीं गया, और न ही कोई ठोस कार्यवाही प्रशासन द्वारा किया गया। वर्तमान में हसदेव की घटना बड़ी भयावह एवं दर्दनाक है। जिस गांव को उजाड़ा गया वहां के लोग बेघर हो गये। कई परिवार मृत्यु के आगोश में समा गये। बहुत सी महिलाएं दैवीय प्रकोप के कारण विधवा हो गये। ऐसे अध्ययन से प्रमाणित हुआ है जिसमें कोरबा, रायगढ़, जशपुर एवं अंबिकापुर भी प्रभावित है। सरकार ने ऐसी कौन सी योजना लाई कि मूखे भेड़िये चारों तरफ से आदिवासियों को त्रस्त करने लगे। हम सिर्फ सरकार बदलने का काम कर रहे है। विकास का पैमाना छोटा होता जा रहा है। सलवा जुडुम से 600 गांव उजड़े थे वो गांव क्यों नहीं बसाया गया?

सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि इन सभी समस्याओं का समाधान हम सबको मिलकर करना है। बस्तर में 24 जगह आंदोलन कर रहे आदिवासी समूह से ये अपील करते हुए कहा कि अब वहां से निकलकर रायपुर में एक साथ सब मिलकर आंदोलन की शुरूवात दिनांक 26 फरवरी 2024 से करेंगे। इसके लिए सभी गांवों से प्रत्येक घर से 1 किलो चावल और 20 रु. सहयोग राशि अनिवार्य रूप से अपने-अपने गांवों और ब्लॉक में जमा करना है तथा प्रत्येक परिवार से 1 व्यक्ति अनिवार्य रूप से रायपुर पहुंचे। यदि हम सब सुरक्षित रहना चाहते हैं तो मिलकर आवाज उठाना होगा। समय बहुत कम है यदि समय रहते एक साथ कार्य नहीं शुरू करेंगे तो बाद में पछताना पड़ेगा। यही दुश्मन भी यही चाहता है इससे अच्छा है कि आपसी वैचारिक मतभेद को हमेशा के लिए छोड़कर मानव कल्याण, समाज कल्याण एवं प्रदेश की सुरक्षा, के लिए एक मंच पर, एक साथ आना होगा।

सर्व आदिवासी समाज, हसदेव बचाओ संघर्ष समिति, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन समिति, बस्तर जन संघर्ष सम्न्वय समिति, सामाजिक संगठन (गोंडवाना गाँड महासभा, कंवर महासभा, हल्बा महासभा, उरांव महासभा, सवरा महासभा, कमार समाज, बैगा समाज, संथाल समाज, भिल समाज, कंड्रा समाज, बिंझवार समाज, भतरा समाज, भुजिया समाज, पंडा समाज, विरहार समाज, कारवा समाज, धुरवा समाज, खड़िया समाज, नगारची समाज, माड़िया-मुरिया अबुझमाड़िया समाज, बियार समाज), प्रगतिशील सतनामी समाज, ऑल इंडिया आदिवासी एम्पलाइस फेडरेशन एवं प्रदेश, प्रकृति, संवैधानिक एवं आदिवासी सुरक्षा के लिए कार्यस्त समस्त संस्था, समाज और एनजीओ सहित अनेक आदिवासी संगठन इस आंदोलन में शामिल होंगे।

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