विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों की पेंशन विसंगति मुख्यमंत्री तक पहुँची

सातवें वेतनमान आधारित पेंशन आदेश जल्द जारी करने की मांग

रायपुर। वीरेन्द्र साहू।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रथम जनदर्शन 2025 में छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों ने गुरुवार को अपनी पेंशन विसंगति को लेकर बड़ा मुद्दा उठाया। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के पूर्व सचिव एवं छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालयीन पेंशनर्स कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार मिश्र के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधि मंडल में अभयराम साहू, अलखराम साहू, लक्ष्मीनारायण तिवारी और सोनसाय ठाकुर शामिल रहे।

सातवें वेतनमान पर नौकरी, पेंशन छठवें वेतनमान पर

मिश्र ने बताया कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कर्मचारी सातवें वेतनमान का वेतन लेकर सेवानिवृत हो रहे हैं, लेकिन उनकी पेंशन आज भी छठवें वेतनमान के आधार पर दी जा रही है।यह स्थिति उन सभी सेवानिवृत शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ है जो विश्वविद्यालय सेवा में रहते हुए सातवें वेतनमान की पात्रता पूरी कर चुके हैं।

2015 से पहले रिटायर हुए कर्मचारी लाभान्वित, बाद वाले वंचित

उन्होंने कहा कि 31 दिसम्बर 2015 से पहले सेवानिवृत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की पेंशन देने का आदेश पहले ही जारी हो चुका है,जबकि वे कर्मचारी सातवें वेतनमान का एक भी दिन वेतन नहीं ले पाए थे। इसके विपरीत

1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत विश्वविद्यालयीन कर्मचारियों को अब भी सातवें वेतनमान पर पेंशन नहीं मिल रही है,जबकि छत्तीसगढ़ सरकार अपने
शासकीय कर्मचारियों, नगर निगम, कृषि विश्वविद्यालय और हाउसिंग बोर्ड कर्मियों को यह लाभ दे रही है।

मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रतिनिधि मंडल की पूरी बात ध्यान से सुनी और शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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