रक्षाबंधन के लिए लौट रहें श्रमिकों की ट्रेन से कटकर हुई मौत

राखी बांधने के लिए बहन करती रहीं भैया का इंतजार

कानपुर के मलकानपुर से आगे पीछे अलग -अलग हुआ दो हदासा

जशपुर।रक्षाबंधन मनाने के लिए बैंगलोर और गोवा से लौट रहें श्रमिकों की ट्रेन से गिरकर व कटकर अलग -अलग जगहों में मौत हो गई। हादासा रक्षाबंधन के पूर्व हुआ है । घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों का रो -रो कर बुरा हाल हो गया। बताया जा रहा कि कानपुर के मलकानपुर से पांच किलोमीटर आगे पीछे हादसे हुए हैं।शहर के भागलपुर निवासी शुभम भगत उम्र (25) बैंगलोर में किसी कंपनी में कार्यरत थे। रक्षाबंधन की छुट्टी लेकर वह ट्रेन में सफर कर घर वापस आ रहें थे। ट्रेन बुकिंग में सीट नहीं मिली तो वह जनरल बोगी में खड़े-खड़े आ रहें थे । कहीं जगह नही मिली तो गेट के पास जगह बनाके बैठ गए। ट्रेन में भीड़ होने के कारण धक्का मुक्की हुई जिसमें शुभम की ट्रेन से गिरकर रविवार को मौत हो गई। बताया जा रहा कि सर के बल गिरने के कारण उसका सिर का हिस्सा फट चुका था। घटना कानपुर के मलकानपुर के पास हुई थीं। वहीं दुसरीं तरफ से संदीप बरला उम्र 27 गोआ के किसी कंपनी में काम करता था। वह भागलपुर बरटोली का निवासी था।संदीप रक्षाबंधन में छुट्टी लेकर घर आ रहा था। स्टेशन में साथ में कोई आ रहा था जिसके कहीं चले जाने पर ढूढने निकला । उसी दौरान सामने से आ रहीं ट्रेन के चपेट में उसकी मौत हो गई। घटना शनिवार को कानपुर के मलकानपुर के पांच किलोमीटर आगे हुआ हैं। परिजनों ने बताया दोनों पैसा लेकर वापस आ रहें थे हादसे के बाद पैसे नही मिला।

आठ बजे दोनों की मौत हुई

संदीप बरला की मौत शनिवार सुबह आठ बजे हुई थीं। सूचना पर परिजन शव को लेने पहुचें थें। जहां पी एम रिपोर्ट के बाद शव को निकाल रहें थे की उसी दौरान शुभम का चेहरा दिखा । यह देख संदीप के परिजनों ने शुभम के घर वालों को फोन किया जहां मृतक का पता चल गया। नहीं लो लाश लावारिस घोषित कर दिया जाता। शुभम की मौत रविवार को सुबह आठ बजे हुई थीं। दोनों शव एक साथ एम्बुलेंस में लाया गया। मृतक एक दूसरे के रिश्तेदार थें।

बहन का रो रो कर बुरा हाल

भागलपुर निवासी शुभम भगत की एक बहन थीं। परिवार में वह सबसे छोटी थीं। घर की माली हालत ठीक नही होने के कारण शुभम बैंगलोर काम करने चला गया। बुधवार को रक्षाबंधन के लिए लौट रहा था। उधर छोटी बहन भाई की कलाई में राखी बांधने के लिए इंतजार कर रही थी । फोन आने पर पता चलता हैं कि भैया की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई। यह जानकारी मिलने के बाद बहन का रो-रो कर बूरा हाल हो गया। ठीक एक दिन पहले भाई की चिता जली और अगले दिन बुधवार को रक्षाबंधन था। रक्षाबंधन के पूर्व ही बहन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। राखी के दिन बहन अपने भाई का राखी बांधने के लिए इंतजार करतीं रह गई।

एक साथ जली दो लाशें

दो अलग-अलग जगह रेलवे स्टेशन और ट्रेक में हादसे होने के बाद रेलवे पुलिस ने शव को कब्जे में रखा। शव पहचान नहीं हो पाई थीं। चेंकिंग के दौरान पॉकेट से मोबाइल फोन मिला। परिजनों के फोन आने पर रेलवे पुलिस ने हादसों की जानकारी बताया। पीएम के बाद परिजनों को सूचना दी गई। पहुंचने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया । दोनों का शव एक साथ लाया गया। और दोनों की चिता भी मंगलवार रात सात बजे चली। इस घटना के बाद मुहल्ले में शोक की लहर हैं।

शासन की तरफ से नही मिला कोई मुवायजा

शुभम भगत के ट्रेन से गिरने और संदीप बरला ट्रेन की चपेट से आने से मौत हुई हैं। इस घटना ने झगझोर कर रख दिया हैं। परिजनों ने बताया कि उन्हें शासन द्वारा कोई मुवायजा नहीं दिया गया हैं। दोनों की परिवारिक स्थिति बेहद खराब हैं। उनको शासन से मुवायजा की उम्मीद हैं।

कब रुकेगा पलायन

बेरोजगारी के कारण काफी तादात में लोग काम करने बाहर जाते हैं। इनमें से कई तो मानव तस्करी के भी शिकार हो जाते हैं। शासन प्रशासन भी श्रमिकों को पूरी तरह रोजगार देने में नाकामयाब रहीं हैं। जिसकी वजह से पलायन नहीं रुक रहा। जिले में न कोई उद्योग और न कोई कंपनी हैं गरीबी की मात झेल रहें लोग अपने आजीविका के लिए अन्य प्रदेश में पलायन के लिए जा रहें हैं। कई बार श्रमिक हादसें का शिकार हो जाते हैं। चुनाव जीतने के लिए सिर्फ नेता बड़ी -बड़ी वादें करतें हैं।आखिर कार पलायन कब रुकेगा।

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