गृहमंत्री विजय शर्मा ने हिड़मा की मां से मुलाकात कर आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया था।”
आंध्र प्रदेश सीमा पर अल्लूरी सीताराम जंगलों में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ (43) ढेर

मुठभेड़ में मारे गये माओवादियों
रायपुर ।बस्तर। देश के सबसे खतरनाक नक्सली सरगनाओं में शामिल हिड़मा की मौत नक्सली नेटवर्क पर सबसे बड़ा झटका मानी जा रही है।
छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर अल्लूरी सीताराम जंगलों में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ में पीएलजीए बटालियन नंबर 1 के प्रमुख मदवी हिड़मा (43) ढेर हो गया।
सूत्रों के अनुसार, हिड़मा के साथ उसकी दूसरी पत्नी राजे (राजक्का) भी मुठभेड़ में मारी गई है।
हिड़मा कौन था?
नाम: संतोष (उर्फ मदवी हिड़मा)
जन्म: 1981, पूवर्ति, सुकमा (छत्तीसगढ़)
पद: पीएलजीए बटालियन नं. 1 का प्रमुख – सबसे घातक माओवादी हमलावर दस्ते का कमांडर
संगठन: CPI (माओवादी)
विशेष पहचान:
सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य
बस्तर क्षेत्र से सेंट्रल कमेटी में शामिल होने वाला एकमात्र आदिवासी
50 लाख रुपये का इनाम
योजना बनाने, घात लगाने और गुरिल्ला रणनीति में माहिर
सुरक्षा बलों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण नक्सली चेहरा
वे मुख्य हमले जिनमें हिड़मा था मास्टरमाइंड
2010 दंतेवाड़ा हमला
76 CRPF जवान शहीद — अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमलों में से एक
2013 झीरम घाटी नरसंहार
27 लोग मारे गए
कांग्रेसी नेताओं का काफिला निशाना
2017 सुकमा हमला
सड़क निर्माण पर तैनात जवानों पर हमला
2021 सुकमा–बीजापुर मुठभेड़
22 सुरक्षा कर्मी शहीद
इस हमले में उसकी मौजूदगी की पुष्टि हुई थी
इस ऑपरेशन को क्यों माना जा रहा है सबसे बड़ी सफलता?
हिड़मा को नक्सली संगठन की “स्ट्राइक फोर्स” का दिमाग माना जाता था।
उसके मारे जाने से नक्सली शीर्ष नेतृत्व की कमर टूटने जैसी स्थिति।
बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के ऑपरेशनों पर सीधा असर पड़ेगा।
सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह दशकों की खोज और ट्रैकिंग का परिणाम।
कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने उपरोक्त नक्सली कमांडर की माताजी के साथ बैठक कर और उनके साथ भोजन प्राप्त कर उनसे अनुरोध किया था कि वह अपने बेटा को आत्म समर्पण करने के लिए प्रेरित करें….?

