रायपुर में मां दुर्गा का विसर्जन: श्रद्धा, रंग और उल्लास का संगम

“अगले साल जल्दी आ” के जयकारों से गूंजा शहर, भक्तों ने मां से मांगी सुख-समृद्धि

रायपुर, 3 अक्टूबर 2025। शारदीय नवरात्रि और विजयदशमी के अवसर पर राजधानी रायपुर में मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन श्रद्धा और उत्साह के अद्भुत मिश्रण के साथ संपन्न हुआ। शहर के प्रमुख मंदिरों और पंडालों से निकली शोभायात्राएँ तालाबों और नदी घाटों तक गईं, जहाँ भक्तों ने देवी को भावपूर्ण विदाई दी।

इस बार विसर्जन का दृश्य और भी रंगीन था, क्योंकि बड़ी संख्या में महिलाएँ पारंपरिक बंगाली साड़ी, लाल-सफेद रंग की पोशाक और पारंपरिक आभूषण पहनकर शामिल हुईं। महिलाएँ सिंदूर से सजकर, उत्साहपूर्ण नृत्य करती हुईं और गीत गाती हुईं शोभायात्रा का हिस्सा बनीं। युवा और बच्चे ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते हुए, जयकारों और तालियों के साथ श्रद्धा का उत्सव और जीवंत बना रहे थे।

राजधानी के राजेंद्र नगर तालाब पर हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिर प्रांगण में पूजा-अर्चना और सिंदूर खेला का आयोजन भी किया गया। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया और एक-दूसरे के माथे व गालों पर शुभकामनाएँ साझा कीं। भक्तों ने “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः” का सामूहिक जाप कर विश्व शांति की प्रार्थना की।

भक्तों ने मां दुर्गा से अपने परिवार की सुख-समृद्धि, समाज की शांति और अखंड सौभाग्य की कामना की। कई लोग भावुक होते हुए अगली नवरात्रि में मां के जल्दी लौट आने की प्रार्थना करते दिखाई दिए।

श्री श्री शारदीय दुर्गोत्सव त्रिलोकी मां कालीबाड़ी समिति, राजेंद्र नगर के सचिव श्री विवेक बर्धन ने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को प्रदर्शित करता है बल्कि सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है।

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