रायपुर (News27) 12.03.2024 । जल ही जीवन है… वर्तमान के लिए यह अमूल्यवान वाक्य है, परन्तु दुखद यह कि यह सिर्फ वाक्य है। इस पर कौन अमल करता है, या करना चाहता है ? ऐसा नहीं है कि जल को बचाने को लेकर काम नहीं हो रहा है, हजारों लोग या संस्थाएं जल बचाने में लगे हैं, जनजागरण कर रहे हैं, उन्हें साधुवाद। निश्चित ही वे विश्व के लिए कल्याणकारी कार्य कर रहे हैं। बावजूद बहुसंख्यक ऐसे हैं जिन्हें ना, जल ही जीवन सुक्य वाक्य से कोई लेना-देना है, ना जल बचाने को लेकर कोई फिक्रे-दर्द है। ऐसे लोगों के लिये आइये जाने कि उनके लिए जल यानी पानी की एक्सापाइरी डेट क्या हो सकती है ?
- जहां नल का पानी हर दिन आता है, वहाँ पानी हर दिन बासी हो जाता है और हर दिन बहा (फेंक) दिया जाता है।
एक्सपायरी तिथि 1 दिन
- जहाँ 2 दिन में नल आता है, वहाँ 2 दिन में पानी बासी हो जाता है,और बहा दिया जाता है।
- जहां आठ दिन बाद पानी आता है, वहाँ आठ दिन बाद पानी बासी हो जाता है।
- शादी समारोह में अगली बिसलरी का सामना होते ही हाथ में रखी पानी की आधी बोतल को फेंक दिया जाता है
वहीं दूसरी ओर –
- रेगिस्तान में यात्रा करते समय पानी तब तक ताजा रहता है, जब तक पानी दिखाई न दे ।
- अगले मानसून तक बांध और तालाब में पानी ताजा बरकरार रहेगा, वहीं यदि सूखे की स्थिति बनती है, तो यह दो से तीन साल तक ताजा पानी बना रहता है।
- जहां 50 फीट के बोरवेल से पानी निकाला जाता है, वह जमीन के नीचे सालों साल पुराना है ,यानी सैकड़ों साल पुराना पानी पीने के लिए सुरक्षित है। एक्सपायरी डेट सैकड़ों साल तक भी नहीं आती है।
- जहाँ 400 से 500 फीट बोरवेल से पानी निकाला जाता है, वह भी सालों साल तक जमीन के अंदर जमा रहता है, फिर भी उपयोगी रहता है ।
- कुल मिलाकर पानी की एक्सपायरी हमारी अपनी सोच के आधार पर बिना किसी मापदण्ड के केवल उपलब्धता अनुसार तय की जाती है, जो कि विचारणीय है ?
- अतः में, पानी का उपयोग विवेकशीलता एवं संयम से करें, आपसे विनम्र अनुरोध है कि जल जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है कृप्या इसे अवश्य बचायें।
जल ही जीवन है….
जल है तो कल है….
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