रायपुर (News27) 12.03.2024 । सीएए यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम भारत में लागू कर दी गई। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना ऐसे में जारी की है जब देश के कई भागों में लोकसभा चुनाव है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीति हमेषा चैकानें वाली रहीं है, उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले इस कानून को लागू करने का जोखिम उठाते हुए चुनाव पर इसके प्रभाव पर पार्टी की चिंता को किनारे कर दिया। यह बात सच है कि अन्य प्रधानमंत्री चुनाव के दौर में इतना बड़ा डिसिजन ले पाये ऐसा मुश्किल है ? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि यह नागरिक छीनने वाला नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है। फिर कतिपय दिग्भ्रमित लोगों द्वारा या तो जानबूझ अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने या निजी स्वार्थ के चलते मायोनिरिटी को खासतौर से मुसलमानों को भड़का रहे हैं, जबकि वास्तव में इस कानून का भारतीय मुसलमानों की नागरिकता पर सवाल खड़े करने जैसी कोई बात नहीं है, अपितु इसके लागू होने के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने का यह आॅनलाईन पोर्टल द्वारा सरलीकृत कानून है जो 2015 से पहले भारत आये हैं।
क्या है सीएए-
सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट एक ऐसा कानून है जो तीन मुस्लिम बाहुल्य पड़ोंसी देश से आये गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्रदान किया जाएगा, जो दिसंबर 2014 से पहले किसी ना किसी प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आये हैं, ऐसे गैर-मुस्लिम माइनोरिटी में हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई शामिल है। जो अब तक उन्हें अवैध प्रवासी या शरणार्थियों का दर्जा मिला हुआ था परन्तु इस कानून के बाद वे भारतीय अधिकार और कत्र्तव्यों के अधीन पूर्णरूपेण भारतीय नागरिक के रूप रह सकेंगे, लेकिन उन्हें अपने भारत आने के दस्तावेज दिखाने होंगे अथवा की स्थिति में उन्हें नागरिकता नहीं दी सकेगी।
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