मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनों से मिलकर आत्मीयता के साथ जाने का किराया पूछा, जेब से निकाल कर पैसे दिये, कहा- खाना खाकर ही जाना


पुराने मित्र से कहा- अब तैं बुढ़ा गै हस


रायपुर (News27)05.03.2024 । जो पिछड़े से पिछड़े व्यक्ति को समझे, उनकी सहायता करें, इसे ही राजधर्म निभाना कहते हैं। बापू ने कहा है- वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाणे रे, अर्थात वे ही सच्चे धर्म के राह में चलने वाले होते हैं जो दूसरों के पीर को जानते हैं। दरअसल यह जिक्र-ए-बानगी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सद्व्यवहार के मद्देनजर किया जार है, जब मुख्यमंत्री साय ने जषपुर के दूरस्थ ग्राम बटईकेला से आये कोरवा आदिवासियों के संकोच को समझते हुए उन्हें बड़ी आत्मीयता के साथ जाने का किराया होने की बात पूछ ली, इतना ही नहीं जेब से पैसे निकाल कर उन्हें यात्रा खर्च भी दिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा की आज रात यहीं रूको कल खाना खाकर ही जाना। मुख्यमंत्री की यह सहद्यता दिल छू लेने वाली है। दरअसल कल देर रात जब बस्तर और राजिम के दिन भर के व्यस्त कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री साय पहुना पहुंचेए तो उन्हें पता चला कि तीन कोरवा आदिवासी ग्रामीण उनसे मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। रात्रि के तकरीबन सवा बारह बज गए थे। मगर ये जानकर कि जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक के कोरवा आदिवासी लम्बी दूरी का सफर कर उनसे मिलने आये हैंए मुख्यमंत्री साय ने उन्हें अपने कक्ष में बुलवाया। नंगे पांव आये कोरवा बिशुन राम, बालकिशुन राम और अजीर साय मुख्यमंत्री के कक्ष में दाखिल हुए। मुख्यमंत्री ने बड़े ध्यान से उनकी समस्या को सुना और हर सम्भव मदद के लिए आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बहुत साल बाद मिल रहे पुराने साथी अजीर साय को पहचान लिया। मुख्यमंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि मैं तोर साथ भोपाल गए रहेन। अजीर साय ने बताया कि वे कोरवा आदिवासियों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से कई साल पहले तब मिले थे जब वे विधायक थे। उस समय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उन्हें अपने साथ लेकर भोपाल लेकर गए थे और तत्कालीन सरकार के मंत्रियों से उन्हें मिलवा कर कोरवा आदिवासियों की बात रखी थी। मुख्यमंत्री ने अजीर साय से स्नेहभाव में कहा कि अब तैं बुढ़ा गए हस। इस बात को सुनकर सभी खिलखिला उठे। मुख्यमंत्री साय ने पहुना आये कोरवा आदिवासी युवा बिशुनराम और बालकिशुन राम से उनका हाल चाल जाना और उनकी शिक्षा के बारे में पूछा । किशुन ने बताया कि उन्होंने बीएससी किया है और किशुनराम ने एमएससी। दोनों ने कम्प्यूटर का भी कोर्स किया है। मुख्यमंत्री साय ने इन आदिवासी युवाओं के जज़्बे और योग्यता की सराहना की और उनका हौसला बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना दी।

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