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डेढ़ किलोमीटर तक रहा ट्रेफिक जाम, बूढ़ा तालाब, श्याम टाॅकीज के पास लगा मेला

रायपुर (News27) 06.07.2024 । यदि आपने बचपन में अपने बुजुर्गों से खजाने वाली हंडा की कहानी सुने, पढ़ें हैं तो आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। ग्रामीण और जंगल परिवेश के साथ रहस्य पसंद तो भी यह फिल्म देखना चाहिए। रहस्य भरी कहानी को हंसते हुए देखना चाहते हैं तब तो यह फिल्म आपको जरूर देखना चाहिए। छत्तीसगढ़ के मषहूर निर्माता मोहित साहू की प्रस्तुति का छाॅलीवुड के दर्शकों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इसकी बानगी आज दिनांक 05 जुलाई, शुक्रवार को राजधानी रायपुर के मध्य स्थित श्याम टाॅकीज में छत्तीसगढ़ फिल्म हंडा की रिलीज के साथ देखने को मिला, जहां दर्शकों का हुज्जूम दिखाई दिया। फिल्म के कलाकारों के साथ फिल्म देखने आये दर्शकों की भारी भीड़ के चलते टाॅकीज परिसर से लेकर बूढ़ापारा के सड़कों पर मेले जैसा माहौल दिखाई दिया। छत्तीसगढ़ी फिल्म हंडा लोभ, लालच और वक्त से पहले, किस्मत से ज्यादा पाने की कहानी कहती है। एन.माही फिल्मस प्रोडक्शन के बनैर तले, छत्तीसगढ़ के मशहूर निर्माता मोहित साहू की प्रस्तुति छत्तीसगढ़ी फिल्म हंडा दिनांक 05 जुलाई, शुक्रवार को पूरे प्रदेश के 69 स्क्रीन पर एक साथ रिलीज किया गया है। रायपुर के श्याम टाॅकीज में पहले दिन पांच खेलों में फिल्म की धुआंधार ओपनिंग के साथ दर्शक हंडा तिहार मनाने उमड़ पड़े। हाॅल भी दर्शकों से खचाखच भरा रहा। फिल्म का नाम हंडा लोगों को थियेटर तक तो खींच लाने में सफल साबित हो रही है तो, वहीं फिल्म की कहानी की चर्चा और पहले से सुपरहिट होते गानों की धून से भी लोग फिल्म देखने थियेटर आ रहे हैं। फिल्म देख कर बाहर निकले एक दर्शक ने इस फिल्म की कम शब्दों में बेहतर समीक्षा करते हुए कहा कि- हंडा एक बार स्वयं, दूसरी बार अपने दोस्तों के साथ और तीसरी बार अपने परिवार के साथ देखने लायक फूल मनोरंजक फिल्म है। तकनीकी रूप से शानदार बन पड़ें इस फिल्म का सिनेमेटाग्राफी भी बेहतर है। फिल्म के सभी गाने-संगीत कर्णप्रिय हैं। गीत संगीत पर दर्शक थियेटर में थिरकते नजर आते हैं। सीटियों से हाॅल गुंजता है। कैमरे का शानदार इस्तेमाल के साथ फिल्म में ऐसे कई सीन है शानदार बन पड़ा है। नाम के अनुरूप फिल्म हंडा की स्टार्टिंग दर्शकों के दिलोदिमाग में हंडा का रहस्य भरने में कामयाब होती है, जिसे पाने की ललक में फिल्म के किरदार सहित दर्शक भी फिल्म को मजे लेते हुए अंत तक देखते है, फिल्म का यही पाॅजिटिव पाॅईंट है।

क्या है हंडा की कहानी-
छत्तीसगढ़ी हंडा की थीम पुराने जमाने में सोने-चांदी, जवाहरातों से लबालब हंडा की कहानी को चरितार्थ करती है। जिसमें एक बुजुर्ग के पास हंडा का नक्शा होता है, जिसे पता है कि हंडा कहां है और वहीं जानता है कि हंडा तक कैसे पहुंचा जा सकता है, इसमें भैरा कका की भी मुख्य भूमिका है, क्योंकि उस बुजुर्ग के बाद भैरा कका को हंडा का रहस्य मालुम है, परन्तु भैरा कका को इससे कोई मतलब नहीं है, इस दुनिया में रहने के बावजुद भैरा कका अपनी अलग दुनिया में मस्त रहने वाला इंसान है, अब हंडा तक फिल्म के कलाकार कैसे पहुंचते हैं, यह फिल्म की कहानी में हंसी-मजाक के साथ शानदार तरीके से पिरोया गया है, जिसे थियेटर पर देखने के बाद ही पता चलेगा।
फिल्म देखकर निकले लोगों ने क्या कहा-
फिल्म हंडा को दर्शकों ने मनोरंजन से भरपूर पैसा वसूल बताया है। फिल्म की कहानी में काॅमेडी का तड़का सबको पसंद आई, वहीं पुराने जमाने की हंडा की कहानी को फिल्म हंडा के रूप जीवंत करने के लिए छत्तीसगढ़ के मषहूर निर्माता मोहित साहू की इस प्रस्तुति को दर्शकों की खूब सराहना मिल रही है। भैरा कका के साथ फूफू की जोड़ी भी कमाल का है। फूफू के रोल में अनिल सिन्हा दो किरदारों के साथ नए अंदाज में नजर आये।

अन्य कलाकारों में छत्तीसगढ़ी फिल्म हण्डा का निर्देशन व लेखक अमलेश नागेशए अभिनेत्री अमृता कुशवाहा, अनिल सिन्हा, नीरज उईके, विनायक अग्रवाल, जीतू दुलरवा, धर्मेन्द्र साहू, मोहित जोशी, पप्पू चंद्राकर, निरज ऊईके विनायक अग्रवाल, धर्मेन्द्र साहू, अमित गोस्वामी, लतीश भांगे, रूद्रा राजपूत, मोहित जोशी, हेमलाल कौशल, राजेश पांड्या मुख्य किरदार में नजर आये। फिल्म का डीओपी रजत सिंह राजपूत, एडिटर गौरांग त्रिवेदी, उमेश ध्रुव, म्यूजि़क डायरेक्टर ओमी स्टाइलियो का है। स्वर दिया हैं सुनील सोनी व अनुपमा मिश्रा नेए कोरियोग्राफर चन्दन दीपए डान्स कामदेव डान्स ग्रुप का है वहीं फिल्म के वितरक मां फिल्मस के तरुण सोनी हैं। प्रदेश के 69 सिनेमाघरों में पहले ही दिन उमड़ते भीड़ को देखते हुए लगता है मानो सचमुच में कोई हण्डा तिहार है, जिसे मनाने चित्रमंदिर में लोग एकत्रित हो रहे हैं।
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