कानपुर/रायपुर (News27) 04.05.2024 । नाटक में भाव-भंगिमा सबसे अहम है। कभी कभी नाटककार भाव विभोर होकर नाट्य रूपांतरण में इस कदर ढल जाते हैं कि वे उस किरदार को अपने अंदर ही समाहित कर लेते है। इस तरह के अनेक उदाहरण है जिसमें कलाकार किरदारों को जीते हैं। इसी तरह एक प्रकरण में टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कानपुर के एक गांव बंभियापुर में भागवत कथा के दौरान एक पौराणिक, धार्मिक कहानी के नाटकीय मंचन के दौरान जो हुआ उससे हर कोई हैरान है। खुशियां पलभर में मातम में बदल गई। दरअसल कानपुर में पौराणिक.धार्मिक कहानी का नाटक किया जा रहा था इसी दौरान देवी काली की भूमिका निभा रहे एक 14 वर्षीय लड़के ने 11 वर्षीय बच्चे की गर्दन काट दी, जिससे उसकी मौत हो गई। घायल बच्चे को तत्काल अस्पताल में भर्ती किया गया परन्तु वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मृत लड़के के पिता बब्लू कश्यप की शिकायत पर, आरोपी किशोर के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत जल्दबाजी या लापरवाही से मौत का कारण बनने वाली गैर इरादतन हत्या के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई ह
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